प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लिस्ट बिहार
बिहार में रहने वाले बेघर नागरिकों को PMAY-G के तहत 2 किस्तों में 1 लाख 20 हजार रूपए (मैदानी इलाकों में) और 1 लाख 30 हजार रुपये (पर्वतीय / दुर्गम इलाकों में) में प्रदान किए जा रहे हैं. इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य सभी नागरिकों अपना पक्का घर प्रदान करना है.
ऐसे में अगर आप बिहार के नागरिक हैं, और प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण सूची बिहार को चेक करना चाहते हैं, तो इस लेख में दिए गए सभी प्रक्रियाओं का पालन करें.
बिहार में ग्रामीण आवास सूची देखने की प्रक्रिया
चरण -1: PM आवास योजना ग्रामीण (PMAYG) की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
- सबसे पहले आवेदक PMAYG की आधिकारिक वेबसाइट – https://pmayg.nic.in/ पर विजिट करें।
- इसके बाद आपके सामने PM Gramin Awas Yojana पोर्टल का होमपेज खुल जाएगा।
- अब होमपेज पर आप ऊपर Menu सेक्शन में Aawassoft के विकल्प को ढूंढे और क्लिक करें।
चरण -2: अब Reports के बटन पर क्लिक करें।
- जैसे ही बिहार के आवेदक Aawassoft के विकल्प पर क्लिक करेंगे, उनके सामने एक ड्रॉपडाउन Menu खुलेगा।
- इस मेनू में आवेदक अब Report के बटन पर क्लिक कर दें।
- इसके बाद आवेदक के सामने फिर से एक नया पेज खुलेगा, यह rhreporting पोर्टल का एक पेज होगा.
चरण -3: rhreprting Report पेज में H सेक्शन पर स्क्रॉल करें।
- अब आपके सामने rhreprting Report पेज खुल जाएगा।
- यहां आप नीचे स्क्रॉल करें और H अनुभाग पर जाएं.
- H सेक्शन में आपको Beneficiary Details For Verification का विकल्प दिखेगा, उसपर क्लिक कर दें।
चरण -4: अब MIS रिपोर्ट पेज पर डेटा दर्ज करें।
- अब आपके सामने PM आवास MIS रिपोर्ट का एक नया पेज खुलेगा।
- इस पेज पर आप अपने राज्य का नाम बिहार, इसके बाद अपने जिले का नाम, ब्लॉक का नाम, और कैप्चा दर्ज करें।
- इसके बाद आप सबमिट बटन पर क्लिक करें, अब आपके सामने लाभार्थियों की लिस्ट आ जाएगी.
लाभार्थियों का चयन
बिहार में PMAY-G के लाभार्थियों का चयन SECC 2011 के डेटा के आधार पर किया जाता है। इस डेटा का उपयोग कर उन परिवारों की पहचान की जाती है जो सबसे अधिक आर्थिक रूप से कमजोर और बेघर हैं।
चयन में विशेष रूप से अनुसूचित जाति/जनजाति, विधवा, वृद्ध, विकलांग, और बेघर परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि सबसे जरूरतमंद परिवारों को पहले आवास की सुविधा मिले।
बिहार में पंचायत स्तर पर योजना के कार्यान्वयन की निगरानी की जाती है। स्थानीय प्रशासन लाभार्थियों की पहचान, सहायता वितरण, और आवास निर्माण की प्रगति पर नजर रखता है।